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रूसी विश्वविद्यालय से बड़े पैमाने पर निकाले जाने ने हमारे मेडिकल सपनों को तोड़ दिया: भारतीय छात्रों ने विश्वविद्यालय पर आर्थिक लाभ के लिए निष्कासन का लगाया आरोप

रूस स्थित बश्किर स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की तस्वीर भारतीय दूतावास द्वारा साझा की गई। फोटो साभार: विशेष व्यवस्था

रूस की बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि विदेशी छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि वे शैक्षणिक कार्यक्रम को ईमानदारी से समझने और पाठ्यक्रम पूरा करने की अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल रहे हैं। रूस की बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टरी की पढ़ाई करने गए लगभग 200 भारतीय छात्र अब टूटे हुए सपनों और सीमित भविष्य की संभावनाओं के साथ भारत लौट रहे हैं। विश्वविद्यालय द्वारा उपस्थिति में कमी और विषयों में बैकलॉग जैसी वजहों का हवाला देते हुए छात्रों को बड़ी संख्या में निष्कासित कर दिया गया। हालांकि, छात्रों और उनके अभिभावकों का आरोप है कि यह कार्रवाई महज औपचारिक कारणों की आड़ में की गई है और इसके पीछे विश्वविद्यालय की ‘आर्थिक लालच’ मुख्य वजह है।

9 जून को जारी एक रूसी भाषा में लिखे गए विश्वविद्यालय के नोटिस में कहा गया है कि विदेशी छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि वे “शैक्षणिक कार्यक्रम को ईमानदारी से समझने और पाठ्यक्रम को पूरा करने की अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में असफल रहे हैं।” इस नोटिस में मेडिकल कोर्स के पाँच वर्षों में फैले कुल 234 छात्रों के नाम शामिल हैं, जिनमें बहुसंख्यक छात्र भारतीय हैं।

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