बेंगलुरु के गंगानगर में एक बीबीएमपी स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 का टीका लगाते हुए। कोविड-19 महामारी के बाद अचानक हृदय संबंधी घटनाओं (जैसे हार्ट अटैक और आकस्मिक हृदय मृत्यु) में बढ़ती प्रवृत्ति और जनता की बढ़ती चिंता को देखते हुए, कर्नाटक सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था ताकि पूर्व में हुए SARS-CoV-2 संक्रमण और/या कोविड-19 टीकाकरण के साथ संभावित समयगत और कारणात्मक संबंधों का मूल्यांकन किया जा सके। | फोटो साभार: सुधाकर जैन
राज्य सरकार द्वारा संचालित श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज़ एंड रिसर्च (SJICSR) द्वारा किए गए एक प्रायोगिक अवलोकन अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि समय से पहले होने वाले हृदय रोगों का कोविड-19 संक्रमण या कोविड टीकाकरण के पूर्व इतिहास से कोई संबंध नहीं पाया गया है।कोविड-19 महामारी के बाद अचानक हृदय संबंधी घटनाओं (जैसे हार्ट अटैक और आकस्मिक हृदय मृत्यु) में बढ़ती प्रवृत्ति और जनमानस में गहराते चिंता के बीच, कर्नाटक सरकार ने इस वर्ष फरवरी में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति की अध्यक्षता जयदेव अस्पताल के निदेशक डॉ. के. एस. रविंद्रनाथ को सौंपी गई थी, जिसका उद्देश्य SARS-CoV-2 संक्रमण और/या कोविड-19 टीकाकरण के साथ इन घटनाओं के संभावित समयगत और कारणात्मक संबंधों का मूल्यांकन करना था।